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25,000 करोड़ के डिफेंस ऑर्डर से बाजार में हलचल, इन शेयरों में है कमाई का मौका!

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Posted On:Tuesday, December 16, 2025

भारत का रक्षा क्षेत्र इस समय एक अभूतपूर्व बदलाव के दौर से गुजर रहा है। केंद्र सरकार की ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ जैसी पहल के कारण यह बदलाव कंपनियों की बैलेंस शीट और जमीन पर हो रहे उत्पादन में स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा है। वित्त वर्ष 2025 में देश का रक्षा उत्पादन ₹1.54 लाख करोड़ के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है, जो कि FY2014-15 के मुकाबले 174 फीसदी की भारी बढ़ोतरी है।

रक्षा मंत्रालय ने FY27 के लिए अपने बजट में 20% बढ़ोतरी की मांग करने की योजना बनाई है। जानकारों का कहना है कि आने वाले दिनों में डिफेंस सेक्टर में ऑर्डर और तेजी से बढ़ेंगे, जिससे सूचीबद्ध (Listed) रक्षा कंपनियों को सीधा लाभ मिलेगा।

निवेशकों के लिए यह जानना महत्वपूर्ण है कि किन कंपनियों के पास काम की कमी नहीं है। यहां उन 5 प्रमुख कंपनियों के बारे में बताया जा रहा है, जिनका ऑर्डर बुक ₹15,000 करोड़ से लेकर ₹25,000 करोड़ रुपये के पार पहुंच चुका है, जो अगले कई वर्षों तक उनकी आय को सुनिश्चित करता है।
₹25,000 करोड़ से अधिक ऑर्डर वाली 3 प्रमुख कंपनियां

1. मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स (Mazagon Dock Shipbuilders - MDL)

यह एक नवरत्न सरकारी कंपनी है, जो भारतीय नौसेना के लिए सबमरीन और युद्धपोत (Warships) बनाने में विशेषज्ञता रखती है।

  • ऑर्डर बुक: सितंबर 2025 तक कंपनी के पास ₹27,415 करोड़ के मजबूत ऑर्डर थे।

  • वित्तीय स्थिति: कंपनी पर कोई कर्ज नहीं है, जो इसे निवेशकों के लिए एक बहुत बड़ा पॉजिटिव संकेत देता है। हालांकि, पिछली तिमाही में मुनाफा थोड़ा घटकर ₹1,200 करोड़ और मार्जिन 16% रहा।

2. कोचीन शिपयार्ड (Cochin Shipyard)

कोचीन शिपयार्ड कंपनी एयरक्राफ्ट कैरियर जैसे विशाल जहाज बनाने की क्षमता रखती है।

  • ऑर्डर बुक: इसका ऑर्डर बुक ₹21,100 करोड़ का है, जिसमें डिफेंस ऑर्डर्स का बड़ा हिस्सा शामिल है।

  • रणनीतिक महत्व: एयरक्राफ्ट कैरियर जैसे बड़े प्रोजेक्ट्स के कारण यह लंबी अवधि के लिए एक मजबूत खिलाड़ी है, भले ही हालिया तिमाही में मुनाफे में गिरावट आई हो।

3. गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (Garden Reach Shipbuilders & Engineers - GRSE)

यह मिनीरत्न कंपनी नौसेना के लिए फ्रिगेट और सर्वे वेसल तैयार करती है।

  • ऑर्डर बुक: कंपनी के पास फिलहाल ₹20,200 करोड़ का ऑर्डर बुक है।

  • भविष्य की संभावनाएं: कंपनी ‘नेक्स्ट जेनरेशन कॉर्वेट’ प्रोजेक्ट के लिए सबसे कम बोली लगाने वाली (L1) बिडर बनकर उभरी है, जो इसे और बड़े ऑर्डर दिला सकता है।

अन्य महत्वपूर्ण खिलाड़ी

4. सोलर इंडस्ट्रीज (Solar Industries)

गोला-बारूद (Ammunition) और विस्फोटक बनाने वाली यह कंपनी रक्षा क्षेत्र में एक निजी दिग्गज है।

  • ऑर्डर बुक: (यहां ऑर्डर बुक का आंकड़ा गायब है, लेकिन यह ₹15,000 करोड़ से अधिक के सेगमेंट में आती है)

(यहाँ लेख अधूरा है, लेकिन संभवतः पाँचवी कंपनी के बारे में जानकारी आगे दी गई होगी।)

यह स्पष्ट है कि 'आत्मनिर्भर भारत' की नीति ने रक्षा क्षेत्र को एक मल्टी-ईयर ग्रोथ साइकिल में डाल दिया है, जिसका फायदा इन कंपनियों को लंबे समय तक मिलता रहेगा।


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